20 फरवरी 2010. बिहार की राजधानी पटना में अगले दिन होने वाली महादलित रैली में भीड़ जुटाने के लिए पूरे राज्य से बाल बालाएं बुलाई गईं। ताकि भीड़ का मनोरंजन हो सके। जिम्मेदारी इलाके के क्षेत्रीय विधायकों को दी गई। नीतिश की पार्टी जनता दल-युनाइटेड के एक विधायक को भी जिम्मेदारी दी गई। जैसे-जैसे रात गहरा रही थी, पूरे मौसम में ठंड बढ़ती जा रही थी लेकिन विधायक श्याम बहादुर सिंह पूरे जोश में थे। बाल बालाएं और कॉलगर्ल को डांस करते हुए देख विधायक साहब के अंदर भी कुछ हुआ। शराब के नशे में धुत विधायक साहब पहुंच गए इनके बीच और फिर शुरू हुआ विधायक का भौंडा डांस। जब विधायक साहब इन बार बालाओं के साथ नाच रहे थे तो पूरे देश का लोकतंत्र भी नंगा हो रहा था। वह लोकतंत्र जिसकी हम और आप दुहाई देते हैं। यह पूरा आयोजन विधायक आवास के नीचे ही आयोजित किया गया था। एक दर्जन बारबालाएं इसमें शामिल थीं। विधायक श्याम बहादुर सिंह ने इन बार बालाओं के साथ नशे की हालत में चार घंटे तक जमकर ठुमके लगाए थे। अब आप खुद तय कीजिए यह कोई पहली घटना नहीं थी, जब हमारे किसी नेता ने ऐसी हरकत की। पिछले साल की इस घटना को अब दिखाने का मकसद यही है कि हम कब तक ऐसे नेताओं को चुन कर विधानसभा और लोकसभा में भेजेंगे? अब आप खुद तय कीजिए।
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