मुर्गा बोला
कुकड़ू कु
हुआ सबेरा जागो तुम
दुनियां जागी
मुनियाँ जागी
जाग रहा है
घर सारा
मुर्गी रानी
मान भी जाओ
तुम बिन मेरा
कौन सहारा ?
मुर्गी बोली ........
खुद को दयनीय बताकर
दिल मेरा हर लेते हो ?
चाँद सितारे मेरे दामन में भरोगे .......
कहकर मुझे सब्जबाग दिखलाते हो ..........
छल करने की ये अनोखी अदा
किस छलिये से सीखी है ?
देखी होंगी बहुत सारी पर ........
मुझ सी नही देखी होगी
नही चाहिये चाँद सितारे
नही महल न हरकारा
मुर्गे राजा मुझको चाहिए
केवल औ केवल साथ तुम्हारा .
बहुत अच्छा
ReplyDeleteMonu
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