किरण बहन और उनके पति किसन भाई दोनों प्रेम से रह रहे थे |अचानक समय ने करवट बदली और किशन भाई को काम में बहुत जयादा नुकसान हो गया जिससे किशन भाई अक्सर अपनी पत्नी से लड़ने -झगड़ने लगे उनके इस सवभाव को देखकर आस-पड़ोश वाले भी आशंकित थे तभी एक दिन एक वर्द्ध साधू दरवाजे पर आया और दाल -चावल माँगा किरण बहन ने हाथ धोकर दाल चावल दिया साधू बोला बेटी साईं सुखी रखे किरण बाहें बोली बाबा सुख किस्मत में ही नहीं तो मिलेगा कैसे साधू ने किरण बहन को साईं बाबा की नों गुरुवार की कथा और व्रत विधि बताई और कहा बेटी इस व्रत को करने से सभी दुःख दूर होते होते है किरण ने व्रत विधि समझ कर उसी गुरुवार से साईं बाबा का व्रत करना शुरू कर दिया जिसके फल से उनके पति की दुकान फिर से चालू हो गयी और बहुत जयादा लाभ की प्राप्ति हुई ये सब श्री साईं बाबा के इस फलदायी अनोखे व्रत के दुवारा ही हुआ है किरण बहन ने नवे गुरुवार को व्रत का उद्द्यापन कर गरीबो को भोजन दिया और व्रत की महिमा को बढाने के लिए 101 पुस्तके बांटी इस फल -दायी व्रत को कोई भी कर सकता है बालो :श्री साईं बाबा की जय ,श्री अनंत कोटि ब्रहमांड नायक राजा-धिराज योगी राज प्रब्रह्म्मा श्री सच्चिदान्नंद सदगुरु श्री साईं नाथ महाराज की जय :ॐ साईं राम श्री साईं राम
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