मेरी डायरी

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July 28, 2011

II Bhraspativar (Thursday) Vrat Katha (Story) II

Bhraspati Vrat ViddhiBhraspati Vrat KathaBhraspativar Vrat katha
Posted by ankit gupta at 2:18 AM 1 comment:
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ankit gupta
मैं प्रेमचन्द, निराला या शेक्सपेयर, की तरह कोई बहुत बड़ा लेखक या साहित्यकार नहीं हूं। मैं एक बहुत साधारण व्यक्ति हूं। मुझे बहुत बड़ी-बड़ी बातें लिखना या बनाना नहीं आता। हां कुछ भावनाएं दिल के अंदर उठती हैं जिनको मैं इस ब्लॉग के माध्यम से व्यक्त करना चाहता हूं। इस ब्लॉग को बनाने की प्रेरणा भी मुझे उस लड़की से मिली जिसको कि मैं बहुत प्यार करता था, हूं और हमेशा करता रहूंगा। मैं ये कभी भी नहीं समझ पाया कि उसने मुझे क्यों छोड़ दिया। इस प्यार से मुझे सिर्फ आंसू और दिल का दर्द मिला। पर मैंने उसे कभी भी गलत नहीं समझा हो सकता है कि उसकी भी कोई मजबूरी हो। लेकिन मेरे दिल में उसके लिए वही प्यार हमेशा रहेगा जो पहले था। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। वही मेरा प्यार है और हमेशा रहेगा। बस यही मेरा प्रोफाइल है।
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